☝🏼 एक छोटी सी कहानी जानवी: “यह नदी इतनी तेज़ है, मैं पार नहीं कर पाऊँगी।” मनोज: “तैराकी में नहीं, हिम्मत में ताकत होती है।” जानवी ने गहरी साँस ली और पार कर गई। 👉 आत्मविश्वास बड़ी बाधाओं को भी आसान बना देता है। 🌹श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी पंकज (पहाड़ को देखते हुए): “तेरे ऊपर चढ़ना बहुत मुश्किल है।” पहाड़: “अगर आसान होता, तो मंज़िल कहलाता नहीं, अगर हर कोई चढ़ जाता, तो ऊँचाई की कीमत कौन समझता? ।” 👉 बड़े सपनों का रास्ता कभी आसान नहीं होता, पर पहुँचना मुमकिन होता है, अगर सही दिशा में शुरुआत की जाए। ⛰️श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी सुमित (पछताते हुए): “अब तो देर हो गई करियर बदलने में…” सुशील (पापा, मुस्कराकर): “सवेरा तब नहीं होता जब सूरज उगता है, सवेरा तब होता है जब मन जागता है ।” 👉 शुरुआत का सही वक्त कोई नहीं बताता — जो जब जाग गया, उसके लिए वही सवेरा है। ☀️ 🤓 श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी ऋषि: “Shortcut बताओ पापा।” अमित: “Shortcut केवल maps में अच्छे लगते हैं, ज़िंदगी में नहीं ।” 👉 कोई शॉर्ट कट, कड़ी मेहनत का विकल्प नहीं है. 🌹श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी अनुज: “मैंने गुस्से में सब कह दिया।” अनंत: “फिर गुस्सा गया और शब्द रह गए न? ” 👉 शब्द जो एक बार कह दिए, उन्हें वापस नहीं लिया जा सकता. 🌹श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी आसमान में हल्के फुल्के बादलों को देख राहुल: “छाता क्यों साथ रखूँ? लगता नहीं है कि आज बरसात होगी।” राजीव: “छाता सिर्फ बरसात से ही नहीं, अचानक आई बरसात से भी बचाता है।” कुछ देर बार बूंदें गिरने लगी...☔ 👉 रोकथाम इलाज से बेहतर है (prevention is better than cure) . 🤓श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी नीलम (थोड़ी नाराज़): “हमेशा मैं ही बात क्यों शुरू करूँ, सासू माँ कभी क्यों नहीं... ?” संजय (पति, मुस्कराकर): “क्योंकि तू इस घर की नई धड़कन है।” वो हल्का-सा मुस्कुराई… और तभी सासू माँ ने आवाज़ दी — “बहू, चाय बनाऊँ?” 👉 रिश्ते तब खिलते हैं, जब कोई एक कदम प्यार से बढ़ा दे। ❤️ 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी अमित: “बहुत मेहनत कर रहा हूं, लेकिन अब गलत हो रहा है, लगता है किस्मत ही साथ नहीं दे रही।” निखिल: “पता है न, बारिश के बाद ही तो इंद्रधनुष दिखता है ।” 👉 मुश्किलें अंत नहीं, खूबसूरत शुरुआत का संकेत होती हैं। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी मीतू: “इतनी छोटी चींटियाँ इतना बोझ कैसे उठाती हैं?” नानी : “क्योंकि वे अकेली नहीं, हमेशा साथ काम करती हैं। ” 👉 प्रकृति भी बताती है — टीमवर्क से ही बड़ा काम बनता है। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी सुभाष: “तुम रोज़ सुबह टहलते क्यों हो?” बेटा: “थोड़ा एक्सरसाइज और ताज़गी चाहिए। ” सुभाष (मुस्कराकर): “याद रखना, जो कदम सुबह उठाए जाते हैं, वही दिनभर ऊर्जा और स्वास्थ्य के बीज बोते हैं । ” 👉 Daily walk = शरीर और दिमाग, दोनों के लिए सबसे आसान निवेश। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी प्रीत: “गुरुजी, क्या बिना रियाज़ के स्टेज पर जा सकता हूँ?” गुरु: “तालियों की गूंज सुननी है तो पहले घंटों पसीना बहाना पड़ेगा। ” 👉 हर हुनर का टिकट मेहनत है। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी 😎राजेंद्र — “कमरा छोड़ते वक्त लाइट, पंखे बंद किया करो।” 🤔अदिति (पुत्री) — “इससे क्या होगा?” 😇राजेंद्र: “बड़ी बचत हमेशा छोटी आदतों से शुरू होती हैं।” 👉 अनुशासन भी अदृश्य बचत है। 👨🏻 श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी ललित: “कितनी गर्मी है, चलो कोल्ड ड्रिंक पीते हैं!” पापा: “ठंडक तो पानी पीने से मिल जाती है, और नहीं तो नारियल पानी से भी, फर्क बस सेहत का है । ” 👉 सेहत छोटी-छोटी चॉइसेज़ से बनती है। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी विमल: “मैं अकेले ही गोल कर दूँगा। ” ( गेंद छिन जाती है, टीम हार जाती है ) फुटबॉल कोच: “फुटबॉल में ही नहीं, ज़िंदगी में भी जीत अकेले नहीं, टीम से मिलती है । ” 👉 Teamwork सपनों को गोल तक पहुँचाता है। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी दोनों भाई लड़ पड़े — टीवी पर किसका रिमोट चलेगा! अंत में माँ बोली — “दोनों बाहर जाकर खेल लो।” एक घंटे बाद दोनों साथ पकौड़े खा रहे थे। 👉🏼 रिश्तों की खूबसूरती यही है — लड़ाई टिकती नहीं, अपनापन जीत जाता है। 🪻श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी विनोद: “मेरा दिमाग घुट रहा है, बहुत tension है। ” विक्रम: “रुक, बस तीन गहरी साँसें ले । ” विनोद (गहरी साँसों के बाद): “सच में, राहत मिली!” 👉 दीर्घ श्वास में anti-stress capacity होती है। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी पिंकी: “फ्रेंच फ्राई ले न!” रीना: “नहीं, मैं सलाद लूँगी—भविष्य की हेल्थ ज़्यादा स्वादिष्ट है ।” 👉 आज का ‘No’ कल की ताकत बनता है। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी रोहन: “क्या शॉर्टकट से एग्ज़ाम पास हो सकता है?” शिक्षक (मुस्कराकर): “शॉर्टकट से सर्टिफिकेट तो मिल सकता है, लेकिन ज्ञान और सम्मान सिर्फ मेहनत से । ” 👉 सफलता की डिक्शनरी में शॉर्टकट शब्द नहीं होता। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी रूपेश: “काम बहुत है, समय कम!” नंदू (सहकर्मी): “तो priority (प्राथमिकता) तय करो और टू-डू लिस्ट बनाओ। ” (काम समय पर और बेहतरीन तरीके से पूरा हुआ) 👉 समय का प्रबंधन = तनाव कम + प्रोडक्टिविटी ज्यादा। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी राजू (अकेले बोरा उठाने की कोशिश करता हुआ): “हाय, ये तो मुझसे उठ ही नहीं रहा …” तीन दोस्त मिलकर बोरा उठाते हैं। राजू (हैरान होकर): “अरे, इतने आसानी से हो गया!” दोस्त: “क्योंकि टीम में ताकत जुड़ती है, बोझ नहीं । ” 👉 असंभव को संभव बनाने का सबसे सरल राज़ – teamwork. 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी हितेश : “सर, ये chatgpt मेरे सारे सवाल जल्दी सुलझा देता है। ” टीचर (गंभीर होकर): “अच्छा … तो अगर ऐप अचानक बंद हो गया, तो तुम खुद क्या कर पाओगे ?” हितेश चुप रह गया... 👉 जब हम सोचने और सीखने की आदत AI और फोन पर छोड़ देते हैं, तो भविष्य में खुद की क्षमता कमजोर पड़ जाती है। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी माँ: “तुम फिर रात 2 बजे तक फोन पर क्यों हो?” संतोष: “बस एक वीडियो देख रहा था …” माँ (धीरे से): “ तेरी नींद छिन रही है, आँखें थक रही हैं, और दिमाग भी। खुशी, स्वास्थ्य और यादें — सब चुपचाप निकल रहे हैं। ” 👉 Screen Time ज्यादा होना सिर्फ टाइम नहीं लेता, ज़िंदगी भी छीन लेता है। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी प्रोफ़ेसर प्रताप ( पानी से भरा गिलास उठाकर) : “अगर इसे 5 मिनट पकड़ो तो हल्का लगेगा, 1 घंटा तो भारी, और पूरी रात तो असहनीय। Stress भी ऐसा ही है — जितना देर पकड़ोगे, उतना बोझ बनेगा । ” 👉 Stress को थामो मत, छोड़ना सीखो। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी सुरेन्द्र — “बारिश ने सारा दिन बिगाड़ दिया।” करण — “मुझे तो लगा, आज धरती ने नहा लिया, क्या भीनी भीनी खुशबू।” 👉 वही दुनिया, वही हालात — फर्क सिर्फ़ नजरिये का होता है। 🌈 🌹श्रैयाँस कोठारी
☝🏼एक छोटी सी कहानी वेदांत - “मेरा चार्जर क्यों उठा लिया तूने!” वेदिका - “तू खुद तो कभी देता नहीं!” थोड़ी देर बाद, वैदिका ( एक कप चाय लाकर) “चार्जर तो रख ले, लेकिन चाय ठंडी मत होने देना ।” वेदांत “अरे, तू मेरा चार्जर रख ले, लेकिन मूड गरम मत करना ।” झगड़ा खत्म हुआ या नहीं, बस प्यार में घुल गया। ❤️ 👉🏼 जहाँ प्यार सच्चा हो, वहाँ नाराज़गी भी मुस्कराकर खत्म हो जाती है। 💖 🪻श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी नितेश (गर्व से): “पापा, मैं बड़ा होकर आपकी तरह बनना चाहता हूँ।” पिता (पलभर चुप रहकर): “और मैं चाहता हूँ तू मुझसे भी बड़ा बने। ” 👉 पिता की असली ख्वाहिश—पुत्र उससे आगे बढ़े। 🪻श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी मीना : “चलो पार्टी में!” रीना : “ना… मुझे कल की तैयारी करनी है।” अगले दिन रीना ने superb presentation से सबको चौंका दिया। 👉 कभी-कभी ‘ना’ ही सबसे बड़ी जीत बन जाती है। 🌹श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी आशीष (मैनेजर, थका हुआ): “सारा काम मैं ही कर रहा हूं।” मंगल सिंह (सहकर्मी): “तो हमें भी अवसर दें, जिम्मेदारी दें, हम संभाल लेंगे।” (काम बाँटते ही प्रोजेक्ट जल्दी और शानदार तरीके से पूरा हुआ) मैनेजर (मुस्कराकर): “सच में, काम बाँटने से बोझ घटता और ताकत बढ़ती है।” 👉 Delegation of task (कार्य सौंपना)... मतलब बोझ कम, परिणाम बड़ा। 🌹श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी रात के 12 बजे। जीतेश की गाड़ी सुनसान सड़क पर खराब हो गई। उसने बिना सोचे सिर्फ़ एक नंबर डायल किया। चंद मिनटों में अमन वहाँ था। 👉 सच्ची दोस्ती उस वक्त पहचानी जाती है जब दुनिया सो रही हो और दोस्त कंधे से कंधा मिलाने तैयार हो, कहते हैं न... A friend in need is a friend indeed... 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी सास ( मन में ): “ ये बहू कभी मेरे करीब क्यों नहीं आती ?” बहू ( मन में ): “ माँजी मुझे अपनापन क्यों नहीं दिखातीं ?” दोनों सालों तक चुप रहीं। एक दिन … बहू : “ माँजी , मैं आपको समझ नहीं पाई। ” सास ( मुस्कुराकर ): “ और मैं तुझे बोलकर समझा नहीं पाई। ” 👉 सास – बहू के रिश्ते में सबसे बड़ी दूरी , बोलने और सुनने की कमी है। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी दिनेश: “मार्केट में तो पहले ही बहुत Competition है…” अरविंद (mentor): “फिर दूसरों जैसा क्यों बनना? भीड़ में चलने से बेहतर है भीड़ खींचने का कारण बनना।” 👉 Business वही चमकता है, जो अलग चमकने की हिम्मत रखता है। 🌹श्रैयाँस कोठारी