कर्ज जाल में फंसे देश - समाधान अणुव्रत का आर्थिक दर्शन आधुनिक अर्थव्यवस्था एवं बाज़ार व्यवस्था में Debt Trap ( क़र्ज़ जाल ) आधुनिक अर्थव्यवस्था एवं बाज़ार व्यवस्था में Debt Trap ( क़र्ज़ जाल ) शब्द प्रयोग बार बार होता है। विश्व के अनेक अल्प विकसित एवं विकासशील देश विदेशी क़र्ज़ के जाल में फसतें जा रहे हैं। अनेक देशों की आर्थिक स्थिति दिवालियापन के कगार पर पहुँच गई है। हमारे पड़ोसी देशों में जब इस तरह की घटनाएँ हुई तो देश मे जब इस तरह की घटनाएँ हुई तो देश में एक नई बहस ने भी जन्म लिया कि जो मुफ़्त बाँट ( freebies ) को प्रोत्साहन देने वाली घोषणाएँ कहीं भारत खासकर राज्यों को Debt Trap में न फंसा दे . Debt Trap या क़र्ज़ जाल एक ऐसा चक्रव्यूह हैं जिसमें एक देश या राज्य ऐसी स्थिति में आ जाता है की क़र्ज़ का पुन : भुगतान करने के लिए दूसरा क़र्ज़
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