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किरदार माता-पिता और संतान

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  स्वल्प शब्दों में समग्र दर्शन के अंतर्गत पापा जी सोहनराज जी कोठारी ने राजस्थानी कहावत ऊपर लेख लिखें। उसी में से एक यह लेख वर्तमान संदर्भ में भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि यह जब लिखा गया था तब भी था। आज के परिपेक्ष में हम देख रहे हैं कि जहां वृद्ध माता-पिता वृद्धाश्रम की शोभा बढ़ा रहे हैं , जिन्होंने अपना पेट काटकर , कितने ही मंदिरों में मन्नत मांग कर , माथा टेक कर , अपने लिए संतान को चाहा और वह संतान अपने दायित्वों से विमुख हो जाती है पता ही नहीं चलता। यह लेख हम सबके लिए पठनीय , चिंतनीय व माननीय है। - मर्यादा कुमार कोठारी छोरू कोछोरू हवे , माईत कुमाईत नीं वे यह लोकोक्ति एक ऐसे सत्य को उद्घाटित करती है जो युगो-युगों तक स्थायित्व लिए रहा , पर लगता है कि भौतिकवादी युग की भोगलिप्सा ने इसका अर्थ बदल दिया है। राजस्थानी भाषा में ‘‘ छोरू ’’ पुत्र या लड़के को कहते है और ‘‘ माईत ’’ माता-पिता को कहते है , अतः लोकोक्ति का शब्दार्थ होता है कि पूत कपूत हो सकता है , पर माता-पिता कभी कु-माता-पिता नहीं हो सकते , अर्थात् माता-पिता , कभी अपनी संतान का अहित नहीं कर सकते। माता-पिता के शारीर...

स्त्री - समानता - सुरक्षा - सम्मान

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हमारी यह सृष्टि द्विसंयोगिक है। एक पक्ष का प्रतिपक्ष भी होता है। दिन है तो रात भी है , जीव है तो अजीव का भी अस्तित्व है , मिलन हुआ है तो वियोग होगा ही। इसी सृष्टि में निर्माण एवं संचालन हेतु नर व मादा की संरचना हुई (मनुष्य-पशु-पक्षी सभी जीव योनियों में)। मनुष्यों को छोड़ कर शेष जीव सृष्टि में नर एवं मादा का सामाजिक जीवन प्राकृतिक रूप से , बंधे हुए नियमों से चलता है। मानवीय सभ्यता का जैसे-जैसे विकास हुआ , स्त्री-पुरुष की भूमिकाएं बदलती रही , स्थितियों में परिवर्तन हुए एवं धीरे-धीरे असमानता वाले समाज का निर्माण हो गया। हजारों वर्ष पूर्व , मानवीय सभ्यता के आरंभिक अवस्था में , मनुष्य भोजन एवं अन्य आवश्यकता हेतु शिकार व वनो पर निर्भर था , हर रोज शिकार करना , हिंसक पशुओं से अपने आप को बचाना आदि दुष्कर कार्य पुरुषों के अधिक उपयुक्त थे , स्त्री की जैविक जवाबदारियां थी , छोटे शिशु या बच्चो के साथ जंगल जाना अत्यधिक जोखमी था। अतः स्त्री को सुरक्षित रखा जाता था। उस परिस्थिति में काम का आदर्श बंटवारा था। सिंधु - सरस्वती सभ्यता , उसके बाद के वैदिक काल , सोलह जनपद काल , मौर्य साम्राज्य- गुप्त...