एक छोटी सी कहानी 132

एक छोटी सी कहानी

नीलम (थोड़ी नाराज़): “हमेशा मैं ही बात क्यों शुरू करूँ, सासू माँ कभी क्यों नहीं...?”

संजय (पति, मुस्कराकर): “क्योंकि तू इस घर की नई धड़कन है।”

वो हल्का-सा मुस्कुराई… 

और तभी सासू माँ ने आवाज़ दी — “बहू, चाय बनाऊँ?”

👉 रिश्ते तब खिलते हैं, जब कोई एक कदम प्यार से बढ़ा दे। ❤️

🪻श्रैयाँस कोठारी

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