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Showing posts from July, 2025

आचार्य भिक्षु के स्टार्टअप टूल्स

आचार्य भिक्षु के startup tools  स्थान: स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी विषय: स्टार्टअप मैनेजमेंट – स्थायित्व, नैतिकता और नेतृत्व कक्षा की शुरुआत होती है। प्रोफेसर जॉन रे आज कुछ अलग ही मूड में हैं। छात्र अपनी नोटबुक खोलते हैं, सोचते हैं आज किसी यूनिकॉर्न स्टार्टअप की चर्चा होगी। लेकिन जैसे ही प्रोजेक्टर चालू होता है, स्क्रीन पर एक नाम चमकता है: “ Acharya Bhikshu – एक संत, एक सिस्टम, एक स्टार्टअप ” कक्षा में हलचल होती है। एक छात्र बुदबुदाता है — "सर, ये कोई साधु हैं क्या? उनका स्टार्टअप से क्या लेना-देना?" प्रोफेसर मुस्कुराते हुए कहते हैं: जब आज की युवा पीढ़ी किसी स्टार्टअप की बात करती है, तो वह इनोवेशन, वैल्यू क्रिएशन, और लीडरशिप को केंद्र में रखती है। पर सोचिए — अगर हम आपको बताएं कि 18वीं सदी में एक ऐसे संत थे जिन्होंने धर्म के क्षेत्र में ऐसा स्टार्टअप खड़ा किया, जिसकी वैल्यू आज भी लाखों लोगों के जीवन को दिशा देती है? वह स्टार्टअप था — तेरापंथ, और उसके फाउंडर थे — आचार्य भिक्षु।  “कहा जाता है अच्छे से अच्छा बिजनेस भी तीन पीढ़ियां या 100 वर्षों से अधिक नहीं चल पाता है, आज मैं आपको एक ...

एक छोटी सी कहानी 46

☝🏼 एक छोटी सी कहानी पूरा परिवार एक ही रूम में थे… मगर हर कोई स्क्रीन में गुम। सबसे छोटी बेटी धीरे से बोली – “काश मैं भी मोबाइल होती… ताकि आप मुझे भी थोड़ी अटेंशन देते ।” 👉 परिवार की असली ‘कनेक्टिविटी’ स्नेह में, बातों में होती है, नेटवर्क में नहीं। 👉 रिश्ते चार्जर से नहीं, 'ध्यान' से चलते हैं। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 45

☝🏼 एक छोटी सी कहानी 👦 बेटा: "पापा, ज़रा बात करनी थी..." 👨‍🦱 पापा Instagram में बिज़ी रहे। कुछ साल बाद... 👴 पापा: "बेटा, तुझसे बात करनी थी..." 👦 बेटा मोबाइल में खोया रहा। 👉🏼 मोबाइल पल भर का साथी है, अपनों का साथ उम्रभर की पूंजी। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 44

☝🏼एक छोटी सी कहानी आरव रोज chips, burger, pizza आदि खाता था। एक दिन दादाजी बोले: "तेरे पापा भी यही सब खाते थे... अब डॉक्टर की list में top कर रहे हैं।" आरव बोला-  "मैं health में top करना चाहता हूँ, हॉस्पिटल में नहीं, अब से इन सबको ना बाबा ना। " 👉🏼 असली cool वही है जो healthy जीता है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 43

☝🏼 एक छोटी सी कहानी 👴 दादाजी हर सुबह पार्क में तेज़ चलकर आते थे। 👦 पोता बोला – "इतनी उम्र में ये सब क्यों? आराम करिए ना!" दादाजी मुस्कराए – "बेटा, ज़िंदगी लंबी नहीं, स्वस्थ चाहिए... ताकि अपने पैरों पर मुस्कुरा सकूं, दूसरों के सहारे नहीं।" 👉🏼" स्वस्थ शरीर ही असली संपत्ति है — इसकी कीमत बीमार पड़ने के बाद मत समझो।" 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 42

☝🏼 एक छोटी सी कहानी पिंकी : पापा जूता फट गया है, चलो नया ले आते हैं. अगले दिन पापा ने जूता repair करवाया और पिंकी की गुल्लक में ₹500 डाले... 👉🏼 फिजूलखर्ची रोकना : sacrifice (बलिदान) नहीं, कल के लिए निवेश है 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 41

☝🏼एक छोटी सी कहानी पड़ोसी का ताना – "बहुएं आजकल हाथ में हमेशा फोन लिए रहती हैं।” सास मुस्कुराई – "हाँ, तभी तो रोज़ मेरी दवा का अलार्म बजता है, और फ़ोन से मेरा वीडियो कॉल डॉक्टर से हो जाता है।” 👉 समझदारी की आँख रखने वालों को हर पीढ़ी में खूबसूरती दिखती है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 40

☝🏼 एक छोटी सी कहानी   टीम में गलती हुई। लीडर चिल्लाया नहीं… समझाया। 👉 टीम तब नहीं डरती जब गलती होती है, वो डरती है जब समर्थन नहीं मिलता। श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 39

☝🏼 एक छोटी सी कहानी  राहुल (हैरानी से): “सर, आपकी सैलरी तो लाखों में है! फिर भी वही पुरानी घड़ी, वही पुराना फोन और सादे कपड़े पहनते हैं?” बॉस मुस्कराए: “ कमाने के लिए मेहनत करता हूँ, दिखाने के लिए नहीं।” 👉 दिखावा महंगा होता है, सादगी सुकून देती है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 38

☝🏼 एक छोटी सी कहानी चलती ट्रेन से गांधी जी का एक जूता गिरा। उन्होंने दूसरा भी फेंक दिया और  कहा – “शायद किसी को जोड़ी मिल जाए, काम आ जाएगी।” 👉 “बात छोटी हो या बड़ी… सोच हमेशा ऊँची होनी चाहिए।” 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 37

☝🏼एक छोटी सी कहानी   राहुल – “देख, मैंने सब खरीदा — कार, फ्लैट, फैक्ट्री…” पुराना दोस्त बोला – “और अपनापन?” राहुल मुस्कराया… परंतु चुप रह गया। 👉 संपत्ति जब तक संबंधों से नहीं जुड़े, सब अधूरा लगता है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 36

☝🏼 एक छोटी सी कहानी   बहू थकी हुई थी, चुपचाप बैठी थी। सास उसका सिर सहलाने लगीं – "जब मैं नई-नई आई थी, तब मुझे भी किसी ने ऐसे ही सिर पर हाथ रखा था।" दोनों की आँखें नम थीं। 👉 थोड़ा सा स्नेह, दिल का रिश्ता जोड़ता है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 35

☝🏼 एक छोटी सी कहानी  रवि – “मैंने सबसे अच्छा काम किया, फिर प्रमोशन क्यों नहीं?” बॉस – “तू अकेले चमका… किसी को साथ नहीं जोड़ा।” “लेकिन काम तो हुआ!” “हाँ, पर टीम के बिना तू बल्ब है सूरज नहीं... " 👉 सच्चा लीडर रोशनी बाँटता है, अकेले नहीं चमकता। श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 34

☝🏼एक छोटी सी कहानी   बहू वेब सीरीज़ देख रही थी। सास बोली – “तेरा पसंदीदा शो है तो चलो, आज चाय मैं बनाती हूँ…” बहू चौंकी – “आपको तो पसंद नहीं न?” सास बोलीं – “ मुझे तेरा मुस्कुराना पसंद है, शो बाद में समझ आ जाएगा।” 👉 नई पीढ़ी के साथ चलना, उम्र का नहीं, नज़रिया बदलने का नाम है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 33

☝🏼 एक छोटी सी कहानी   राज – “मैंने कभी ये ट्रेंड नहीं देखा!” साथी – “क्योंकि तुम अपने काम में बिज़ी थे, मार्केट में नहीं।” 👉 बंद आँखों से बिज़नेस नहीं, सिर्फ़ रुटीन चलता है। श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 32

☝🏼 एक छोटी सी कहानी  ललिता – “पापा, आपने कभी ‘I love you’ नहीं कहा!” पापा – “हर बार जब तुम्हारे जूते सही किए, फीस भरी, देर से खाया… वो क्या था?” 👉 परिवार में प्यार ज़रूरी नहीं बोला जाए, वो हर जगह मौजूद होता है। श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 31

☝🏼 एक छोटी सी कहानी   पहली बार आया ग्राहक कुछ नहीं खरीदा। दुकानदार ने फिर भी मुस्कराकर विदा किया। एक हफ्ते बाद वही ग्राहक पाँच दोस्तों के साथ लौटा। 👉 हर इंटरैक्शन इन्वेस्टमेंट होता है। श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 30

☝🏼 एक छोटी सी कहानी  चंदू – “काम बहुत है, वीकेंड पर मिलते हैं पापा।” बीमार पिता – “ठीक है बेटा… वीकेंड आया तो मिल लेंगे।” 👉 कुछ रिश्ते हमेशा रहते नहीं — मिल सकें तो वक्त पर मिल लो। श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 29

☝🏼 एक छोटी सी कहानी  दुकानदार – “आप बार-बार शिकायत क्यों कर रहे हैं?” ग्राहक – “क्योंकि आपने पहली बार ध्यान नहीं दिया ।” 👉 पहली बार अनदेखी गलती है, बार-बार अनदेखी नुकसान बन जाती है। श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 28

☝🏼 एक छोटी सी कहानी  सरोज – “माँ, आप थकती नहीं क्या?” माँ – “तू खुश हो जाता है… थकान वहीं छूट जाती है।” 👉 परिवार की सबसे बड़ी ताकत होती है – बिना शर्त दिया गया प्यार। श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 27

☝🏼 एक छोटी सी कहानी   बेटा – “पापा, मुझे डर क्यों लग रहा है?” पिता – “क्योंकि तू अभी अंधेरे में है।” “तो क्या करूँ?” “बस एक दिया जला … डर/अंधेरा खुद भाग जाएगा।” 👉 अंधेरा ताकतवर नहीं होता, बस तब तक रहता है जब तक रोशनी नहीं आती। ⚫🪔🌞 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 26

☝🏼 एक छोटी सी कहानी   माँ ने कुर्ता दिखाते हुए कहा – “देख बेटा, कपड़ा तो बहुत अच्छा था…” बेटा – “फिर फटा क्यों?” माँ – “ सिलाई हल्की थी, बस एक झटके में उधड़ गया। ” 👉 जो चीज़ें बाँधती हैं, अगर उन्हें हल्के में लिया… तो सब कुछ बिखर सकता है। 🧥🪡⛓‍💥 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 25

☝🏼 एक छोटी सी कहानी इमारत की छत पर खड़े होकर बेटे ने कहा –  “पापा, ये मकान का सबसे ऊँचा हिस्सा है!” पिता नीचे देखकर बोले – “ऊँचा तो है… पर जो नींव ज़मीन के नीचे है, उसी ने इसे उठाया है।” 👉 मजबूती अक्सर गुमनाम होती है। 👦🏻👨🏻🏢 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 24

☝🏼एक छोटी सी कहानी   जतिन – “तू उसी कंपनी में डायरेक्टर? तेरे तो 20 बार रिजेक्शन हुए थे!” वो मुस्कराया – “हाँ… हर बार थोड़ा और बेहतर बनकर लौटा था।” 👉 रिजेक्शन अंत नहीं, सुधार का संकेत होता है। ❌👔🌹 श्रैयाँस कोठारी

A आचार्य B भिक्षु

A – आचार्य     B – भिक्षु 🔸 A.B. = Absolute Balance 👉 भिक्षु वही थे जिन्होंने आस्था और विवेक, लौकिक और लोकत्तर, त्याग और तर्क में अद्भुत संतुलन रखा। 🔸 A.B. = Awakening Brilliance 👉 उन्होंने भीड़ को नहीं, चेतना को जगाया।  हर आत्मा में छिपी प्रकाश की संभावना को निखारा। 🔸 A.B. = Against Blindness 👉 भिक्षु अंधश्रद्धा के खिलाफ थे। उन्होंने कहा — “समझकर मानो, डरकर नहीं।”  यह थी उनकी विवेक-जागृति क्रांति। 🔸 A.B. = Anchor of Belief 👉 वे समाज की उस आस्था के लंगर बने, जो डगमगा रही थी।  उन्होंने धर्म को स्थिरता दी, संयम से जोड़ा। 🔸 A.B. = Architect of Brotherhood 👉 आचार्य भिक्षु ने संघ बनाया — न कि सत्ता।  उन्होंने नियम-मर्यादा के सहारे एक अनुशासित और संबद्ध समाज की नींव रखी। 🔸 A.B. = Attitude Builder 👉 उन्होंने केवल नियम नहीं दिए — एक सोच दी, एक दृष्टि दी, एक विचार संस्कृति दी। 🔸 A.B. = Austerity Beacon 👉 वे त्याग और संघर्ष की जीवित मिसाल थे।  उनकी जीवनशैली स्वयं आत्मशुद्धि का प्रकाश स्तंभ थी। 🔸 A.B. = Alive Beyond 👉 वे केवल शरीर से नहीं, व...

एक छोटी सी कहानी 23

☝🏼 एक छोटी सी कहानी   तीर ने पूछा – “तू मुझे पीछे क्यों खींचता है?” धनुष बोला – “ताकि तू और दूर जा सके।” 👉 जीवन में जब पीछे खिंचो, तो समझो – उड़ान की तैयारी है। ⏪🏹⏩ श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 22

☝🏼 एक छोटी सी कहानी पीयूष हर रात सोते वक़्त कहता – "कल से बदल जाऊँगा..." सालों गुज़र गए… आज भी वही तकिए, वही वादे । 👉 टालने की आदत, सपनों की धीमी हत्या है। 🛌🏻🗓️🎭 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 21

☝🏼एक छोटी सी कहानी   बेटा – “माँ, देखो कितना सुंदर फूल लाया हूँ!” माँ – “सुंदर है… पर अब इसकी जड़ नहीं रही।” बेटा चुप हो गया। 👉 जो जड़ से कट जाए, वो चाहे जितना चमके… मुरझा ही जाता है। 🌱🌹🥀 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 20

☝🏼 एक छोटी सी कहानी   लोग बोले – "ये पेड़ बहुत छोटा है!" कुछ साल बाद वही पेड़ सबसे ज्यादा छांव देने लगा। 👉 किसी को छोटा मत समझो, समय ताकत देता है। 🌱🌳⏳ श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 19

☝🏼 एक छोटी सी कहानी  एक कलाकार बोला – “मैं फ्री में नहीं बनाता।” लोग बोले – “इतना तो सब कर देते हैं।” वो बोला – “ मैं 'सब' नहीं हूँ ।” 👉 आपका समय अमूल्य है, उसे बेकार में न दो। 🎨💸🕰️ श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 18

☝🏼 एक छोटी सी कहानी बोर्ड मीटिंग में सबने कहा – “हाँ।” नीता बोली – “मैं इसके पक्ष में नहीं हूँ।” “ टीम लीडर होकर विरोध ?” नीता बोली – “ नेतृत्व का मतलब सिर्फ समर्थन नहीं, सही के लिए खड़ा होना भी है ।” 👉 'ना' कहना, विरोध नहीं, विवेक होता है और नेतृत्व वहीं से जन्म लेता है 🗂️❌👔 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 17

☝🏼 एक छोटी सी कहानी एक तीरंदाज़ रोज़ घंटों अभ्यास करता… तीर बहुत तेज़ चलता, हवा चीरता… लेकिन निशाने से हर बार चूक जाता। एक दिन गुरु ने पूछा – “दृष्टि कहाँ है?” वो बोला – “मैं रफ़्तार पर पूरा ध्यान देता हूँ…” गुरु मुस्कराए – “रफ़्तार किसी काम की नहीं, अगर दिशा ही नहीं पता ।” 👉 गति चाहे जितनी हो, मंज़िल तक वही पहुँचता है — जिसे रास्ता पता हो। 🏹🎯🏅 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 16

☝🏼एक छोटी सी कहानी बेटे ने पिता की पुरानी कलम से परीक्षा दी… चयन हो गया। पिता बोले – “क़लम नहीं, आत्म-विश्वास चल रहा था।” 👉 विश्वास विरासत से भी आता है। ✒️👨‍👦🔥 श्रैयाँस कोठारी