एक छोटी सी कहानी 17
☝🏼एक छोटी सी कहानी
एक तीरंदाज़ रोज़ घंटों अभ्यास करता… तीर बहुत तेज़ चलता, हवा चीरता… लेकिन निशाने से हर बार चूक जाता।
एक दिन गुरु ने पूछा – “दृष्टि कहाँ है?”
वो बोला – “मैं रफ़्तार पर पूरा ध्यान देता हूँ…”
गुरु मुस्कराए – “रफ़्तार किसी काम की नहीं, अगर दिशा ही नहीं पता।”
👉 गति चाहे जितनी हो, मंज़िल तक वही पहुँचता है — जिसे रास्ता पता हो।
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श्रैयाँस कोठारी
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