एक छोटी सी कहानी 09

☝🏼एक छोटी सी कहानी

एक बुज़ुर्ग रोज़ बग़ीचे में नन्हे पौधे लगाता। एक युवक ने पूछा –
“दादाजी, जब तक ये पेड़ बड़ा होगा, तब तक आप तो शायद…”

बूढ़ा मुस्कराया और बोला – “बिलकुल, मैं इसका फल शायद न खा पाऊँ, लेकिन जब इसकी छाया किसी और को धूप से बचाएगी, वही मेरा फल होगा।”

👉🏼 सच्चा योगदान वो होता है — जो हमें याद न रहे न रहे, लेकिन जिससे हमें याद किया जाए।

👉🏼 हम जो छोड़ जाते हैं, वही असल में हम हैं... असली “legacy” यही है

👴🏼🌱🌳

श्रैयाँस कोठारी

Comments

Popular posts from this blog

एक छोटी सी कहानी 02

हे प्रभु यह तेरापंथ -1

एक छोटी सी कहानी 03