अति से बचे - सुखी रहे

जीवन में सुखी रहने का एक मंत्र है "अति से बचें" अति प्यार, अति घृणा, अति लालसा, अति संरक्षण, अति स्वतंत्रता, अति आशा, अति निराशा, अति आकांक्षा, अति भोजन, अति वाचलता, अति मौन इत्यादि। यह सभी परिस्थितियां मानव  के लिए उचित नहीं है। मानव जीवन दो अति छोरों के मध्य संतुलन साधना है, अति प्रेम भी ईर्ष्या एवं मोह को जन्म देता है, अति घृणा में मानव स्वयं को ही झुलसा देता है, अति संरक्षण कभी भी आपको सक्षम तथा स्वनिर्भर नहीं बनाती है, अति स्वतंत्रता कभी भी आपको अनुशासित एवं मर्यादित नहीं करेगी, अति आशा वह आकांक्षा सदैव निराशा में ही परिणीत होती है।

अति से बचने का सबसे सरल उपाय है सहजता से हर स्थिति को स्वीकार करना,  पुरुषार्थ करना मनुष्य के हाथ में है, लेकिन पुरुषार्थ का फल हमारे अनुकूल भी आ सकता है, कम अनुकूल भी हो सकता है तथा पूर्ण प्रतिकूल भी हो सकता है, तीनों ही परिस्थितियों में अति प्रतिक्रिया से बचे इससे हम परिस्थिति के तनाव - आवेश बच जाएंगे, याद कीजिए 2011 के क्रिकेट विश्व कप फाइनल में महेंद्र सिंह धोनी द्वारा विजयी छक्का लगाने के बाद दी गई शांत प्रतिक्रिया, बस यही हमें जीवन में उतारना है।

अति से बचने का दूसरा सुंदर उपाय स्वयं की तथा सामने वाले की मर्यादाओं एवं क्षमताओं का ज्ञान होना, आज के अभिभावक छोटी उम्र से ही अपने बच्चों से, उसकी नैसर्गिक क्षमता जाने बिना उससे अत्यधिक आशाएं पाल लेते हैं तथा आशाएं पूर्ण न होने की स्थिति में उसका परिणाम कुंठा एवं कलह होता है, अपनी-अपनी क्षमता अनुसार जीवन की योजनाएं करें तो जीवन अधिक सुखद व सरल होगा।

तीसरी बात,  हम कई चीजें अपनी समझ से सीखते हैं, कई चीजें अपने अध्ययन से सीखते हैं एवं कई चीजें समाज एवं व्यक्तियों के व्यवहार को देखकर सीखते हैं। किस परिस्थिति में किस समाज या व्यक्ति ने क्या सर्वोत्तम प्रतिक्रिया दी, कैसे प्रतिकूल स्थिति को अपने अनुकूल बनाया, उसे देखकर हम अति से बच सकते हैं, याद कीजिए 2014 के लोकसभा चुनावों मे कैसे प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जब उनके बचपन की पृष्ठभूमि पर उनके विरोधियों ने गलत बयानी की तो उसी गलत बयानी को उन्होंने "चाय पर चर्चा" के रूप में एक अवसर में बदल दिया।

अतः अब मैं भी अति से बचते हुए लेख के अंत में कहूंगा कि "अति" से बचना कठिन अवश्य है लेकिन यह अभ्यास करने से ही संभव होगा,  जीवन में संतुलन आने पर आप पाएंगे कि जीवन अधिक मधुर एवं आनंद दायक हो गया है।

Comments

  1. आज का लेख बहुत ही मार्मिक विषय है और आपने अच्छे उदाहरण के साथ इसे समझाया। विषय को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करके आपने एक ओर अचूक उदाहरण दिया है।

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    1. thank you HARSH, thanks for the feedback, do read here regularly, comment and share...

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  2. बहुत सुन्दर सोच

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  3. Very interesting all points covered related to our daily life.
    Beautifully explained.
    Regards

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    1. thank you for your valuable time and feedback, stay tuned for such more blogs.

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