एक छोटी सी कहानी 198

☝🏼एक छोटी सी कहानी

मंजू (सास): “फिर से कोशिश कर रही हो?”

संतोष: “हाँ… क्योंकि छोड़ देना मेरी फितरत नहीं।”

कुछ समय बाद— वही काम उसकी पहचान बन गया।

👉🏼जो चुपचाप कोशिश करता है, वही मिसाल बनता है।

श्रैयाँस कोठारी

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