एक छोटी सी कहानी 166

☝🏼एक छोटी सी कहानी

संदीप: “गलती निकालने वालों के पास आख़िर में… गलतियाँ ही बचती हैं।”

लिलेश (हँसकर): “और सुधारने वालों के पास?”

संदीप: “वो? उनके पास नतीजे बचते हैं… और लोग भी।”

👉 किसी की गलती पकड़ना आसान है, पर उसे पकड़कर उठाना, सुधारना—यही असली काबिलियत है। ✨

🫱🏼‍🫲🏼 श्रैयाँस कोठारी

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