एक छोटी सी कहानी 145
☝🏼एक छोटी सी कहानी
रोहित: “मैं रोज़ मंदिर जाता हूँ, पूजा-पाठ करता हूँ।”
अमित (मुस्कराते हुए): “और मैं अपना काम ही पूजा मानता हूँ।”
साल के अंत में प्रमोशन अमित को मिला…
क्योंकि भगवान मूर्तियों में नहीं, निष्ठा में बसते हैं।जो अपने कर्म में ईमानदारी से झुकता है, वही जीवन में ऊपर उठता है। 💼✨
🌼 भक्ति सिर्फ़ मंदिरों तक सीमित नहीं — सच्ची पूजा है अपने काम में उत्कृष्टता लाना।
🙏🏼श्रैयाँस कोठारी
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