Posts

Showing posts from November, 2025

एक छोटी सी कहानी 160

☝🏼 एक छोटी सी कहानी अंशु: “यार, उसकी किस्मत देख—एकदम ऊपर पहुँच गया!” राहुल: “किस्मत ऊपर नहीं ले जाती, मेहनत ऊपर पहुँचकर किस्मत कहलाती है। ” 👉🏼 जिसने पसीना बहाया, उसी ने चमक पाई।  👉🏼 किस्मत दरवाज़ा तभी खोलती है, जब मेहनत पहले दस्तक देती है। 🤟🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 159

☝🏼 एक छोटी सी कहानी ऋतु: “फिर से चाय ठंडी हो गई।” सोहम (पति, घूँट भरते हुए): “कोई बात नहीं, तेरे हाथ की है — ठंडी भी गरम लगती है।” 👉 प्यार का ताप शब्दों से नहीं, एहसास से मापा जाता है। ☕ श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 158

☝🏼 एक छोटी सी कहानी अमित: “यह सवाल तो असंभव है, शायद मैं पास नहीं हो पाऊँगा। ” टीचर: “संभव और असंभव सिर्फ सोच में होता है। कोशिश कर , फिर देख।” अमित ने वह प्रश्न अगले दस मिनट में हल किया और पास हुआ । 👉 खुद पर भरोसा ही पहली जीत है। 😎 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 157

☝🏼 एक छोटी सी कहानी दो दोस्त प्यासे थे — एक गिलास पानी से आधा भरा मिला। एक बोला — “बस इतना ही?” दूसरा मुस्कुराया — “वाह, इतना तो मिल गया!” 👉 ज़िंदगी उतनी ही खूबसूरत है जितनी सोच उससे की जाती है।  🌸श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 156

☝🏼 एक छोटी सी कहानी  रीमा: “पड़ोसन कह रही थी, अपनी बहू ने उसे अनदेखा कर दिया।” घेवरचंद (पति, मुस्कराकर): “कभी उसने सोचा, शायद बहू ने सुना ही न हो ?” रीमा कुछ पल चुप रही… फिर बोली, “ शायद सच में मैंने जल्दी मान लिया ।” 👉 गलतफहमी वही करती है जो ज़हर करता है — थोड़ा-सा भी हो, रिश्ता मार देता है। 😃 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 155

☝🏼 एक छोटी सी कहानी संगीता: “चलो, बारिश में बाहर भीगने चलते हैं!” रमेश (पति): “पागल हो क्या?” संगीता (हँसकर): “थोड़ा-सा पागलपन ही तो रिश्ते को ज़िंदा रखता है। ” 👉 रिश्ते में केवल समझ से नहीं, थोड़ी सी नादानी भी होनी चाहिए। ⛈️श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 154

☝🏼 एक छोटी सी कहानी मंजू (सास): “तेरी जीन्स मुझे अजीब लगती है।” ऋतिका (बहू, मुस्कुराकर): “और आपकी साड़ी मुझे संभालनी मुश्किल।” अगले दिन मंजू ने जीन्स पहनी, ऋतिका ने साड़ी… दोनों हँसीं — क्योंकि पहली बार उन्होंने एक-दूसरे की जगह महसूस की। 👉 रिश्ता तब मजबूत होता है, जब समझ बदलने की हिम्मत दोनों में हो।  💞 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 153

☝🏼 एक छोटी सी कहानी रोहित: “प्रोजेक्ट फेल हुआ क्योंकि टीम सही नहीं थी।” कार्तिक (बॉस): “या शायद तैयारी सही नहीं थी ?” 👉 काबिलियत बहाने नहीं ढूंढती,  वह रास्ता ढूंढती है, और जिम्मेदारी उठाती है...  असफलता का पहला संकेत बहाना होता है। 😎श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 152

☝🏼 एक छोटी सी कहानी राशि: “लोग मुझे नीचा दिखाते हैं, कैसे जवाब दूँ?” साक्षी: “धैर्य से, क्योंकि ठंडा लोहा ही गर्म लोहे को आकार देता है ।” 👉 सहनशीलता हर वार का जवाब है।  ⚙️ श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 151

☝🏼 एक छोटी सी कहानी हरीश: “इतनी छोटी चिड़िया इतनी ऊँचाई कैसे उड़ती है?” ललित (पिता): “क्योंकि उसे आसमान पर नहीं, अपने पंखों पर भरोसा है।” 👉 जिसे खुद पर विश्वास हो, उसे मंज़िलें छोटी लगती हैं। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 150

☝🏼 एक छोटी सी कहानी हितेश: “इतने दिन से एक ही दीवार बना रहे हो?” मजदूर (मुस्कराकर): “हर ईंट पिछले से सिखती है कि अगली कैसे रखनी है।” 👉 लगातार मेहनत साधारण को असाधारण बना देती है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 149

☝🏼 एक छोटी सी कहानी रोहित: “भाई, गज़ब है... तू इतना सफल कैसे हुआ?” सुमित: “जब मैंने दूसरों से आगे निकलने के बजाय, खुद से बेहतर बनने की ठान ली।” 👉 सच्ची सफलता तुलना में नहीं, परिवर्तन में है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 148

  ☝🏼 एक छोटी सी कहानी पृथ्वी सिंह: “पापा, रोज़ पानी देता हूँ फिर भी पौधा बड़ा क्यों नहीं हो रहा?” बाबूलाल: “क्योंकि बढ़ना समय चाहता है, सिर्फ मेहनत नहीं।” 👉 धैर्य ही हर सफलता की जड़ है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 147

  ☝🏼एक छोटी सी कहानी आरुष: “हर सुबह टाइम पर उठना, योग, डायरी... थोड़ा बोरिंग नहीं?” दादा: “बेटा, जो खुद को लाइन में रखता है, वही ज़िंदगी की रेस में आगे निकलता है।” 👉 अनुशासन बंदिश नहीं, बढ़त देता है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 146

  ☝🏼 एक छोटी सी कहानी मोहित: “सर, आज ट्रैफिक बहुत था।” बॉस (हँसते हुए): “और कल बारिश होगी क्या?” 👉 जो हर दिन बहाना ढूँढे, वो कभी समय नहीं ढूँढ पाता। ✨ 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 145

  ☝🏼 एक छोटी सी कहानी रोहित: “मैं रोज़ मंदिर जाता हूँ, पूजा-पाठ करता हूँ।” अमित (मुस्कराते हुए): “और मैं अपना काम ही पूजा मानता हूँ ।” साल के अंत में प्रमोशन अमित को मिला…  क्योंकि भगवान मूर्तियों में नहीं, निष्ठा में बसते हैं। जो अपने कर्म में ईमानदारी से झुकता है, वही जीवन में ऊपर उठता है। 💼✨ 🌼 भक्ति सिर्फ़ मंदिरों तक सीमित नहीं — सच्ची पूजा है अपने काम में उत्कृष्टता लाना। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 144

  ☝🏼 एक छोटी सी कहानी सौरभ: “क़िस्मत साथ नहीं देती।” साक्षी: “क़िस्मत तो मेहनत की परछाई है — चलना तो शुरू कर...” 👉 क़दम बढ़ाओ, मंज़िल साथ आ जाएगी। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 143

  ☝🏼 एक छोटी सी कहानी प्रियंका: “सालों मेहनत की, अब रिज़ल्ट आया है!” पंकज: “ मीठा फल पेड़ को नहीं, धैर्य को मिलता है। ” 👉 मेहनत कभी खाली नहीं जाती। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 142

  ☝🏼 एक छोटी सी कहानी राकेश: “रास्ता नहीं दिख रहा…” गुरु: “पहले चल तो, रास्ता दिखने लगेगा।” 👉 इरादा हो तो मंज़िल खुद बुलाती है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 141

☝🏼 एक छोटी सी कहानी 👦🏻जुबिन: “दीदी, मेरी छतरी में आ जाइए।” 👩🏻सुमन आंटी: “धन्यवाद बेटा।” (अगले दिन सुमन आंटी — इंटरव्यू पैनल में मुस्कुराकर 😃) “आओ जुबिन, पहचानती हूँ इस मुस्कान को।” 👉 भलाई की पहचान कभी नहीं मिटती, घूम फिर कर आप तक आ ही जाती है।  ☔श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 140

☝🏼 एक छोटी सी कहानी सीमा: “फिर से चाय ठंडी हो गई।” ललित (पति, घूँट भरते हुए): “कोई बात नहीं, तेरे हाथ की है — ठंडी भी गरम लगती है।” 👉 प्यार का ताप शब्दों से नहीं, एहसास से मापा जाता है। ☕ श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 139

☝🏼 एक छोटी सी कहानी रवि: “पहले सब सही हो जाए, फिर शुरू करूँ।” ज़िंदगी बोली — “मैं तो चलती रहूँगी।” 👉 सही वक्त नहीं आता, बनाया जाता है। 🌹श्रैयाँस कोठारी