एक छोटी सी कहानी 91
☝🏼एक छोटी सी कहानी
नरेंद्र को हर बार चिल्लर मिलती तो वह उसे मामूली समझकर खर्च कर देता।
उसका दोस्त गोविंद वही चिल्लर गुल्लक में डाल देता।
साल के अंत में गुल्लक टूटी—गोविंद के पास हज़ारों रुपये थे, और नरेंद्र खाली हाथ।
👉 छोटी बचत ही बड़ी कमाई की असली शुरुआत है।
🧔🏻♂️श्रैयाँस कोठारी
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