☝🏼 एक छोटी सी कहानी दो बीज ज़मीन में पड़े थे। पहला बोला – "मैं अभी अंकुर नहीं फूटाऊंगा, मुझे डर है कहीं मुझे कुछ हो न जाए।" दूसरा बोला – "जो होगा देखा जाएगा।" वो अंकुर बना, पौधा बना, पेड़ बना। पहले बीज को एक मुर्गी ने खा लिया। 👉 जो रिस्क से डरता है, वो ज़िंदगी से बाहर हो जाता है। 🌳🐔💥 श्रैयाँस कोठारी
आज मैं आपके साथ कुछ बात करूंगा - जैन धर्म के तेरापंथ संप्रदाय की। जैन धर्म आदि - अनादि काल से चला रहा है। जिसके इस अवसर पिणी काल में प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ हुए , और उनके बाद 23 तीर्थंकर और हुए। चरम तीर्थंकर भगवान महावीर थे । भगवान महावीर से वर्तमान तक अढ़ाई हज़ार वर्ष बाद तक जैन धर्म चला आ रहा है। इस जैन धर्म में मानने वालों में दो मान्यताएं हैं श्वेतांबर एवं दिगंबर। इनमें भी दो अलग - अलग हैं मूर्तिपूजक व अ मूर्तिपूजक । मैं यहां केवल जैन धर्म के तेरापंथ संप्रदाय की बात करूंगा जो श्वेतांबर जैन है व अ मूर्तिपूजक संप्रदाय है। यह संप्रदाय आज से करीब 260 साल पहले श्वेतांबर जैन के स्थानकवासी संप्रदाय से अलग होकर तेरापंथ के नाम से विख्यात हुआ। इसके आदि प्रवर्तक आचार्य भिक्षु हैं । मैं गर्व करता हूं कि मैं जैन हूं और मुझे गौरव है कि मैं तेरापं थी हूं। आज के परिपेक्ष में सभी लोग अनुया यी तो हैं पर क्या अनुया यी बन ना एक भेड़ चाल नहीं है ? क्या हम जिस पर गर्व करते हैं या गौरव करते हैं , उसके सिद्धांतों को व दर्शन को नहीं जानते हैं ; तो क्या गौरव करना उचित है ?...
☝🏼एक छोटी सी कहानी कील बोली – “तू मुझे क्यों मारता है?” हथौड़ी बोली – “ताकि तू दीवार में टिके और दूसरों को सहारा दे सके।” 👉 कभी-कभी चोट हमें मजबूत बनाने के लिए होती है, खत्म करने के लिए नहीं। 📌🔨💪🏼 श्रैयाँस कोठारी
Sachi vat che tamari
ReplyDeleteThanks
DeleteNonrosk..nonpain... No Gain!
ReplyDeleteNo Risk No pain..No Gain!
Deleteएक दम सत्य वचन है।
ReplyDeletetHanks
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