एक छोटी सी कहानी 74
☝🏼एक छोटी सी कहानी
सुधीर: मुझे लगता है हमारे रिश्तों में कहीं न कहीं दूरी आ गई है।
ज्योति: हाँ, क्योंकि दरवाज़ा तो खुला ही नहीं है।
सुधीर: कौन-सा दरवाज़ा?
ज्योति: हमारे मन का दरवाज़ा🚪, बाहर 💖प्यार, 🫂अपनापन और 😇शांति खटखटा रहे हैं, पर भीतर से लगी छोटी-छोटी शिकायतों 🤬 और ego की कुंडी उन्हें रोक रही हैं।
सुधीर: तो हल क्या है?
ज्योति: बस एक चाबी 🔑 — क्षमा। जैसे ही हम क्षमा कर दें, कुंडी खुल जाएगी, और भीतर फिर से ✨रौशनी और सुकून भर जाएगा।
🌸 बारम्बार खमत खामणा 🌸
🙏🏼श्रैयाँस कोठारी
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