एक छोटी सी कहानी 67
☝🏼एक छोटी सी कहानी
पुलकित - तुम में इतना बदलाव कैसे?
रजत - रोज़ एक घंटा जल्दी उठता हूं, थोड़ी extra पढ़ाई, थोड़ा extra सुकून और यही सुकून ही तो दिनभर की ताकत बनता है।
👉🏼सुबह का एक घंटा, दिन नहीं… इंसान बदल देता है। 🌅💫
🌹श्रैयाँस कोठारी
Comments
Post a Comment