एक छोटी सी कहानी 66
☝🏼एक छोटी सी कहानी
कुसुम – “मेरी बहू गुणी, संस्कारी और परिश्रमी है, दिनभर घर के काम में लगी रहती है। परंतु न जाने क्यों, मेरी उससे बनती नहीं, इसलिए मैं उससे बोलती ही नहीं।”
मंजू – “तेरे एक ही बेटा है तो बहू भी तेरे जीवन में एक ही मिलनी है। जब वह इतनी घरेलू है, तो थोड़ा सहयोग और अपनापन दिखा दे। यदि सास-बहू में संवाद ही न होगा, तो फिर घर में शांति और सुख कैसे फलेगा?”
👉 बातचीत और अपनापन ही घर को स्वर्ग बनाते हैं।
🌹श्रैयाँस कोठारी
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