एक छोटी सी कहानी 65

 ☝🏼एक छोटी सी कहानी 


डिंपल – “मेरी सास बहुत धार्मिक और कर्मठ हैं, पर मुझसे बात नहीं करतीं… हमेशा अपनी बेटी का ही ध्यान रखती हैं।


मनीषा – “तू भी किसी की बेटी है… तेरी माँ तेरा ख्याल रखती है। तेरी सास अपनी बेटी का रखती हैं, इसमें गलत कैसा? हाँ, शायद थोड़ा ज़्यादा करती हों… लेकिन याद रख, कल जब तू सास बनेगी, तो समझ आएगा। अगर तू उनसे मीठे बोलों से जुड़ने का प्रयास करेगी, तो धीरे-धीरे तेरी सास भी तुझे बेटी मान लेंगी, पत्थर पर पानी की बूँदें निशान छोड़ देती हैं, फिर तेरी सास तो इंसान हैं... बस संवाद बढ़ा, और देखना – घर में सुख ही सुख होगा।”


👉 रिश्ते बदलने का पहला कदम हमेशा अपनापन और संवाद से शुरू होता है।


🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

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