एक छोटी सी कहानी 59
☝🏼एक छोटी सी कहानी
पंकज: “बहुत मुश्किल है यार…”
श्रीधर: “गर्मी है, पैर दुख रहे… वापस चलें?”
सचिन: “मुझे सिर्फ़ मंज़िल दिख रही है, रुकावटें नहीं, चलो, आगे बढ़ो!”
👉 मुसीबतें हर किसी को दिखती हैं, जीत उसी को मिलती है जो सिर्फ़ मंज़िल देखता है।
🙏🏼श्रैयाँस कोठारी
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