एक छोटी सी कहानी 52
☝🏼एक छोटी सी कहानी
बेटी रोज़ पूछती – "माँ, खेलोगी?"
माँ कहती – "कल पक्का!"
कुछ दिन बाद बेटी की डायरी में लिखा था – "माँ के पास सबके लिए वक़्त है... बस मेरे लिए कल है।"
👉 बचपन इंतज़ार नहीं करता, समय देना ही सच्चा प्यार है।
🙏🏼श्रैयाँस कोठारी
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