इतिहास - भारत के संदर्भ में (१)

इतिहास एक बड़ा ही रोचक विषय है जिसमें मानव अपने भूतकाल का अध्ययन करता है,  साथ ही साथ यही एक विषय ऐसा है जिसमें अध्ययन कर अपनी कल्पना शक्ति एवं तर्कशक्ति के मिश्रण से इतिहास की सत्यताओं को सामने लाता है और यही कारण है कि मानव इतिहास के बारे में इतिहासकारों के मत - मतांतर है।

हमारे पास इतिहास को जानने के पांच महत्वपूर्ण स्रोत है
१. प्राचीन धार्मिक साहित्य जैसे वेद, पुराण, रामायण, महाभारत, जैन एवम् बौद्ध धर्म ग्रंथ।  
२. प्राचीन धर्मेत्तर साहित्य जैसे संगम, राजतरंगणी, अर्थशास्त्र, मनुस्मृति इत्यादि।
३. उत्खनन एवम् प्राचीन शिलालेख जैसे अशोक कालीन मुद्राएं - आलेख, सिंधु घाटी सभ्यता, कलिंग राज, खारवेल का हथिगुंफा - अभिलेख, अजंता - एलिफेंटा की गुफाएं।
४. प्राचीन यात्रा वृत्तांत एवं संस्मरण जैसे मेगस्थनीज का इंडिका, हरोडोट्स का हिस्टोरिका जो ईसा के पांच शताब्दी पूर्व भारत व फारस (ईरान) के संबंधों का वर्णन है।
५. प्राचीन परंपराएं एवम् मन्यताएं जैसे आस्तिक, पुनर्जन्म इत्यादि।

भारतीय उपमहाद्वीप में मानव वसाहत का सबसे पुराना प्रमाण भीमबेटका की गुफाओं (विंध्य पर्वत माला) में मिलता है, उपलब्ध मानकों के अनुरूप प्राचीनतम नगरीय सभ्यता सिंधु-सेंधव (Indus valley) है जो आज से ३७०० से ५३०० वर्ष पुरानी है।

रामायण एवम् महाभारत का काल सिंधु सभ्यता से भी प्राचीन है कुछ इतिहासकार ये मानते है कि महाभारत काल ही सिंधु सभ्यता का समय है, आज के पाकिस्तान व अफगानिस्तान में जहां से सेधव सभ्यता के अवशेष मिले है, प्राचीन काल (महाभारत काव्य में वर्णित) में पांचाल, माद्र, गांधार, कुरु और कांबोज की स्थली कहा गया है। इन सब के बारे में इतिहास में बहुत कुछ धुंधला है, सिंधु सभ्यता को अब तक उपलब्ध प्राचीन सभ्यता मानकर अगले लेख में इस सभ्यता की जानकारी लेंगे।

- जिनेन्द्र कुमार कोठारी

Comments

Popular posts from this blog

जिंदगी चलती रहे - यौवन बढ़ता चले

हे प्रभु यह तेरापंथ -1