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एक छोटी सी कहानी 126

☝ एक छोटी सी कहानी ललित: “कितनी गर्मी है, चलो कोल्ड ड्रिंक पीते हैं!” पापा: “ठंडक तो पानी पीने से मिल जाती है, और नहीं तो नारियल पानी से भी, फर्क बस सेहत का है । ” 👉 सेहत छोटी-छोटी चॉइसेज़ से बनती है। 🪻 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 125

☝ एक छोटी सी कहानी विमल: “मैं अकेले ही गोल कर दूँगा। ” ( गेंद छिन जाती है, टीम हार जाती है ) फुटबॉल कोच: “फुटबॉल में ही नहीं, ज़िंदगी में भी जीत अकेले नहीं, टीम से मिलती है । ” 👉 Teamwork सपनों को गोल तक पहुँचाता है। 🪻 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 124

☝ एक छोटी सी कहानी दोनों भाई लड़ पड़े — टीवी पर किसका रिमोट चलेगा! अंत में माँ बोली — “दोनों बाहर जाकर खेल लो।” एक घंटे बाद दोनों साथ पकौड़े खा रहे थे। 👉🏼 रिश्तों की खूबसूरती यही है — लड़ाई टिकती नहीं, अपनापन जीत जाता है। 🪻श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 123

☝ एक छोटी सी कहानी विनोद: “मेरा दिमाग घुट रहा है, बहुत tension है। ” विक्रम: “रुक, बस तीन गहरी साँसें ले । ” विनोद (गहरी साँसों के बाद): “सच में, राहत मिली!” 👉 दीर्घ श्वास में anti-stress capacity होती है। 🪻 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 122

☝ एक छोटी सी कहानी पिंकी: “फ्रेंच फ्राई ले न!” रीना: “नहीं, मैं सलाद लूँगी—भविष्य की हेल्थ ज़्यादा स्वादिष्ट है ।” 👉 आज का ‘No’ कल की ताकत बनता है।    🪻 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 121

☝ एक छोटी सी कहानी रोहन: “क्या शॉर्टकट से एग्ज़ाम पास हो सकता है?” शिक्षक (मुस्कराकर): “शॉर्टकट से सर्टिफिकेट तो मिल सकता है, लेकिन ज्ञान और सम्मान सिर्फ मेहनत से । ” 👉 सफलता की डिक्शनरी में शॉर्टकट शब्द नहीं होता। 🪻 श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 120

☝ एक छोटी सी कहानी रूपेश: “काम बहुत है, समय कम!” नंदू (सहकर्मी): “तो priority (प्राथमिकता)   तय करो और टू-डू लिस्ट बनाओ। ” (काम समय पर और बेहतरीन तरीके से पूरा हुआ) 👉 समय का प्रबंधन = तनाव कम + प्रोडक्टिविटी ज्यादा। 🪻 श्रैयाँस कोठारी