☝🏼 एक छोटी सी कहानी मीना : “चलो पार्टी में!” रीना : “ना… मुझे कल की तैयारी करनी है।” अगले दिन रीना ने superb presentation से सबको चौंका दिया। 👉 कभी-कभी ‘ना’ ही सबसे बड़ी जीत बन जाती है। 🌹श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी आशीष (मैनेजर, थका हुआ): “सारा काम मैं ही कर रहा हूं।” मंगल सिंह (सहकर्मी): “तो हमें भी अवसर दें, जिम्मेदारी दें, हम संभाल लेंगे।” (काम बाँटते ही प्रोजेक्ट जल्दी और शानदार तरीके से पूरा हुआ) मैनेजर (मुस्कराकर): “सच में, काम बाँटने से बोझ घटता और ताकत बढ़ती है।” 👉 Delegation of task (कार्य सौंपना)... मतलब बोझ कम, परिणाम बड़ा। 🌹श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी रात के 12 बजे। जीतेश की गाड़ी सुनसान सड़क पर खराब हो गई। उसने बिना सोचे सिर्फ़ एक नंबर डायल किया। चंद मिनटों में अमन वहाँ था। 👉 सच्ची दोस्ती उस वक्त पहचानी जाती है जब दुनिया सो रही हो और दोस्त कंधे से कंधा मिलाने तैयार हो, कहते हैं न... A friend in need is a friend indeed... 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी
☝ एक छोटी सी कहानी सास ( मन में ): “ ये बहू कभी मेरे करीब क्यों नहीं आती ?” बहू ( मन में ): “ माँजी मुझे अपनापन क्यों नहीं दिखातीं ?” दोनों सालों तक चुप रहीं। एक दिन … बहू : “ माँजी , मैं आपको समझ नहीं पाई। ” सास ( मुस्कुराकर ): “ और मैं तुझे बोलकर समझा नहीं पाई। ” 👉 सास – बहू के रिश्ते में सबसे बड़ी दूरी , बोलने और सुनने की कमी है। 🪻 श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी दिनेश: “मार्केट में तो पहले ही बहुत Competition है…” अरविंद (mentor): “फिर दूसरों जैसा क्यों बनना? भीड़ में चलने से बेहतर है भीड़ खींचने का कारण बनना।” 👉 Business वही चमकता है, जो अलग चमकने की हिम्मत रखता है। 🌹श्रैयाँस कोठारी
☝🏼 एक छोटी सी कहानी संजीव (मित्र): "तुमने इतनी बड़ी कंपनी कैसे खड़ी की?" धीरूभाई अंबानी : "मैंने सीखा — बड़ा सोचो, छोटा शुरू करो, और जल्दी आगे बढ़ो।" 👉🏼 छोटे से कदम भी सही दिशा में हों, तो मीलों की दूरी तय कर लेते हैं। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी
☝🏼एक छोटी सी कहानी अमित: “दोस्त लोग घूमने गए हैं, मैं रह गया तो मस्ती miss हो जाएगी…” रोहित: “अरे, तू अभी एक चैप्टर जीत ले… कल सब तुझसे नोट्स मांगने आएंगे।” 👉 FOMO (Fear of Missing Out) कुछ घंटों की खुशी देता है, लेकिन फोकस वर्षों की जीत दिलाता है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी