भारत संगीत कला और रहस्यों का विश्वविद्यालय
“ जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा वो भारत देश है मेरा ” ये पंक्तियां भारत की प्राचीन संस्कृति , गौरव और कला को बताती है भारत वर्ष में “ साम वेद “ को भारतीय संगीत का जनक माना जाता है , भारतीय संगीत इतनी गहराई और उचाई लिए हुए है की उसे आध्यत्मिक , सामाजिक और आर्थिक जीवन के सभी पक्षों से जोड़ा गया है। संगीत भारतीय जन जीवन का अभिन्न हिस्सा रहा है चाहे रामायण काल हो या महाबारत युग हो या जैन तीर्थंकरों का प्राचीन इतिहास , सभीकाल खंडों में देखते है कि संगीत उतरोतर विकसित हुआ है। भारत भिन्न - भिन्न प्रदेशों का देश है , हर राज्य की अपनी संगीत शैली है जो भारतीय संगीत में विविघता के साथ साथ मधुरता भी प्रदान करती है। भारत में अलग - अलग राज्य में संगीत का अपना अलग ही अन्दाज़ है जैसे कर्नाटक , तमिलनाडु का