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एक छोटी सी कहानी 186

☝🏼 एक छोटी सी कहानी गीता: “तुम मेरे तरीके से क्यों नहीं करती?” साक्षी - बहू (मुस्कराकर): “क्योंकि मैं आपके तरीके सीखते-सीखते… अपने तरीके भी बना रही हूँ ।” सास हँस पड़ी— “ चल, दोनों के तरीके मिलाकर घर चला लेते हैं । ” 👉 जहाँ मैं-तू कम, और “हम” ज़्यादा होता है… वहाँ घर नहीं, परिवार बसता है। 💛✨ 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 185

☝🏼 एक छोटी सी कहानी तनु : “छोटे-छोटे habits क्या बदलेंगे?” रिया : “दिन बदलेंगे… और दिन मिलकर जिंदगी ।” 👉 आदतें छोटी दिखती हैं, असर बहुत बड़ा होता है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 184

☝🏼 एक छोटी सी कहानी वेदांत: “पापा, मैं इसमें अच्छा नहीं हूँ।” प्रदीप (पिता): “ अभी नहीं है… पर सीख लेगा तो हो जाएगा ।” 👉 Growth mindset का पहला कदम— ‘न’ को ‘अभी नहीं’ में बदल देना। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 183

☝🏼 एक छोटी सी कहानी मीना : “नाना को समय कौन दे यार, काम बहुत है।” सीमा : “एक दिन वो समय नहीं मागेंगे… याद बन जाएंगे ।” 👉 “बुज़ुर्गों को दिया हुआ समय, जिंदगी भर पछतावे से बचा लेता है।” 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 182

☝🏼 एक छोटी सी कहानी अमित: “निवेश risky लगता है।” विकास: “बिना निवेश वाली जिंदगी उससे बड़ा risk है।” 👉 Risk टालने से सुरक्षित नहीं, पीछे रह जाते हैं। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 181

☝🏼 एक छोटी सी कहानी अभिषेक: “मुझे ideas नहीं आते।” गौरव: “किताबें नहीं खोलता… ideas कहाँ से आएँगे?” 👉 इनपुट अच्छा होगा तो आउटपुट कमाल होगा। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 180

☝🏼 एक छोटी सी कहानी विनय : “यार, कॉफ़ी बस ₹300 की ही है, क्या ही फ़र्क पड़ता है?” हितेश : “और फिर शाम को तू ही पूछता है— पता नहीं, पैसे कहाँ जा रहे हैं?” 👉 खर्च छोटा लगता है, असर बड़ा होता है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी