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एक छोटी सी कहानी 42

☝🏼 एक छोटी सी कहानी पिंकी : पापा जूता फट गया है, चलो नया ले आते हैं. अगले दिन पापा ने जूता repair करवाया और पिंकी की गुल्लक में ₹500 डाले... 👉🏼 फिजूलखर्ची रोकना : sacrifice (बलिदान) नहीं, कल के लिए निवेश है 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 41

☝🏼एक छोटी सी कहानी पड़ोसी का ताना – "बहुएं आजकल हाथ में हमेशा फोन लिए रहती हैं।” सास मुस्कुराई – "हाँ, तभी तो रोज़ मेरी दवा का अलार्म बजता है, और फ़ोन से मेरा वीडियो कॉल डॉक्टर से हो जाता है।” 👉 समझदारी की आँख रखने वालों को हर पीढ़ी में खूबसूरती दिखती है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 40

☝🏼 एक छोटी सी कहानी   टीम में गलती हुई। लीडर चिल्लाया नहीं… समझाया। 👉 टीम तब नहीं डरती जब गलती होती है, वो डरती है जब समर्थन नहीं मिलता। श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 39

☝🏼 एक छोटी सी कहानी  राहुल (हैरानी से): “सर, आपकी सैलरी तो लाखों में है! फिर भी वही पुरानी घड़ी, वही पुराना फोन और सादे कपड़े पहनते हैं?” बॉस मुस्कराए: “ कमाने के लिए मेहनत करता हूँ, दिखाने के लिए नहीं।” 👉 दिखावा महंगा होता है, सादगी सुकून देती है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 38

☝🏼 एक छोटी सी कहानी चलती ट्रेन से गांधी जी का एक जूता गिरा। उन्होंने दूसरा भी फेंक दिया और  कहा – “शायद किसी को जोड़ी मिल जाए, काम आ जाएगी।” 👉 “बात छोटी हो या बड़ी… सोच हमेशा ऊँची होनी चाहिए।” 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 37

☝🏼एक छोटी सी कहानी   राहुल – “देख, मैंने सब खरीदा — कार, फ्लैट, फैक्ट्री…” पुराना दोस्त बोला – “और अपनापन?” राहुल मुस्कराया… परंतु चुप रह गया। 👉 संपत्ति जब तक संबंधों से नहीं जुड़े, सब अधूरा लगता है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी

एक छोटी सी कहानी 36

☝🏼 एक छोटी सी कहानी   बहू थकी हुई थी, चुपचाप बैठी थी। सास उसका सिर सहलाने लगीं – "जब मैं नई-नई आई थी, तब मुझे भी किसी ने ऐसे ही सिर पर हाथ रखा था।" दोनों की आँखें नम थीं। 👉 थोड़ा सा स्नेह, दिल का रिश्ता जोड़ता है। 🙏🏼श्रैयाँस कोठारी